भारत-पाक के बीच जारी तनाव को लेकर सब के मन मे एक ही सवाल है- कल क्या होगा ? आइए, ज्योतिष की मदद से जाने इस सवाल का जवाब…
( यह भविष्यवाणी गूगल पर उपलब्ध आंकड़ों/कुंडली अनुसार गृह गोचर और चन्द्रमा की स्थित अनुसार की गयी है। ज्योतिषी इसकी सत्यता या प्रमाणिकता की पुष्टि करता है)
भारत और पाक के बीच इस समय हालात बेहद नाजुक बने हुए है। आतंकवादियो को भारत उनकी सही जगह भेज चुका है और इस बात से पाकिस्तान बेहद नाराज है। ऐसा हो भी क्यो ना क्योकि पाकिस्तान को आतंकवादियो के बड़े आकाओं को जवाब जो देना होता है। हर कोई जानता है कि इस समय युद्ध जैसे हालत भारत और पाकिस्तान के बीच बने हुए है। जहाँ एक तरफ इस समय राजनैतिक गलियारों मे गर्मी है तो वहीं दूसरी तरफ भारत के ग्रहो मे भी गर्मी बनी हुई है। जम्मू कश्मीर के उरी जिले मे जो भारत की सैनिक छावनी पर जो आतंकी हमला हुआ था उसने पुरे भारत देश को झकझोर के रख दिया है। पिछले ढाई दशक से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से त्रस्त जम्मू-कश्मीर राज्य मे यह सेना पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
वर्तमान मे स्थिति को ध्यान मे रखकर ग्रहो और ज्योतिष अनुसार जो स्थिति/ भविष्यवाणी सामने आई है वह हैरान करने वाली है। हमारे देश भारत जो 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ,की कुंडली पर नजर डालें तो आने वाले दिनो मे परिस्थितियां और अधिक विकट होती दिख रही है। वृषभ लग्न की कुंडली मे चंद्रमा मे मंगल की विंशोत्तरी दशा 9 जुलाई 2016 से 7 फरवरी 2017 तक है। चंद्रमा भारत की कुंडली मे तीसरे भाव का स्वामी होकर पड़ोसियों से सीमा पर संघर्ष की स्थिति को दर्शाता है। मंगल भारत की कुंडली मे सप्तम भाव यानी युद्ध स्थान तथा हानि स्थान यानी बाहरवे घर का स्वामी होकर मारक स्थान मे बैठा हुआ है। जबकि गोचर मे शनि वृश्चिक राशि मे स्थित होकर भारत की कुंडली मे सप्तम भाव को प्रभावित कर रहे है।
स्वतंत्र भारत की जन्मकुंडली मे कर्क राशि होकर मूलभाव से सटाष्टक योग बना रहा है।
पाकिस्तान के कुटिल सैन्य तंत्र के कारण आतंकवादी तत्व महाविनाशकारी परमाणु अस्त्रो को प्राप्त कर सकते है, जिससे भारत के गुजरात प्रांत मे अहमदाबाद एवं राजकोट क्षेत्र विशेष प्रभावित होंगे। पाकिस्तान आयोजित आतंकवादी आक्रमण के कारण भारत-पाक संबंधों मे तनाव चरम सीमा पर होगा। भारत-पाकिस्तान व्यापार संधि खटाई मे पड़ सकती है। पाक का नापाक गणित: 2017 मे हो सकता है इसका परिणाम भारत-पाक युद्ध मे पाक को चीन का पूर्ण सहयोग होगा। चीन की बढ़ती ताकत के मद्देनजर पाकिस्तान मे भारत-चीन संबंध को अलग नजरिए से देखा जाने लगेगा। इसमे 2017 तक भारत- पाक युद्ध की आशंका है किन्तु बाद मे अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते चीन पीछे हटेगा और पाकिस्तान खत्म हो सकता है। इस समय मोदी सरकार की ज्योतिषीय कुंडली मे चंद्रमा की क्रूर नक्षत्र मे स्थिति पाकिस्तान या चीन के साथ करा सकती है युद्ध। जिस मुहूर्त मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शपथ व सरकार का गठन किया था, उस समय चन्द्रमा भरणी नक्षत्र मे गोचर कर रहा था | भरणी नक्षत्र उग्र स्वभाव वाला नक्षत्र है। यह अजीब संयोग है कि 16 मई 1996 को भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी ने शपथ ली थी उस समय भी चन्द्रमा भरणी नक्षत्र मे गोचर कर रहा था। उस समय वाजपेयी सरकार 13 दिन मे लड़खड़ाके गिर गई।
चंद्रमा के भरणी नक्षत्र मे रविवार के दिन ही 21 फरवरी 1999 को वाजपेयी व नवाज की लाहौर घोषणा के कुछ महीने मे भारत -पाक मे कारगिल युद्ध हुआ। मोदी सरकार के शपथ के बाद चतुर्दशी रिक्ता तिथि व मंगलवार के दिन नवाज व मोदी के बीच हुई वार्ता के समय चंद्रमा भरणी नक्षत्र मे गोचरस्थ था। परिणाम मे पाक की तरफ से लगातार गोलाबारी होती रही । 5,दिसम्बर 2014 को कश्मीर घाटी मे मोदी जी की २ चुनावी रैलीयो के पास आतंकी हमला हुआ। दो अन्य जगह भी पाक प्रशिक्षित आतंकियों ने भी हमला किया, जिसमे से एक उरी स्थित आर्मी कैम्प भी था उस समय मोदी जी बस ट्विट पर निंदा कर गए। प्रधानमंत्री श्री मोदी के शपथ ग्रहण की तुला लग्न की कुंडली के अनुसार वर्तमान मे शुक्र की महादशा मे सूर्य का अंतर चल रहा है। लग्नेश व महादशानाथ शुक्र लग्न पर गोचर कर रहे है। कुंडली के लग्न पर राहू जैसा पाप ग्रह कमजोर गृह मंत्रालय की स्थिति दिखा रहा है। प्रजा की प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा की स्थिति भी केतु के पाप प्रभाव मे लग्नेश शुक के साथ सप्तम भाव मे हो रही है। लग्न यानी सरकार व चंद्रमा यानी प्रजा दोनों ही आतंकी व महंगाई की मार से झुलस रहे है। एकादशेश सूर्य अष्टम भाव मे अशुभ स्थिति मे है। सूर्य की इस अंतर दशा मे छुटपुट अथवा बड़े हमले मे देश को एक विशेष क्षति दर्शा रहा है। कुंडली मे चतुर्थ व पंचम भावेश शनि वक्री होकर लग्न मे होकर एक विशेष राज योग बना रहे है, जो शत्रु आक्रमण का भरपूर जवाब देने के लिए सक्षम है परन्तु गोचर मे प्रत्यंतर दशानाथ शनि वृश्चिक राशिस्थ होकर अंतर दशा नाथ सूर्य को पीड़ित कर रहे है।
कुंडली मे द्वितीय भावेश होकर मंगल व्यय स्थान मे है इसका अर्थ है कि सरकार की विभिन्न परियोजानाओं व सातवें भाव के कारण रक्षा बजट मे सरकारी खजाने से भारी राशि का व्यय होगा।भारत पडौसी राज्य के किसी भी आक्रमण से निपटने मे सक्षम है। तृतीयेश व षष्ठेश गुरु पडौसी राज्यों के साथ युद्ध व सीमा विवाद को कूटनीति से निपटाने मे सफल रहेगा । गुरु की शुभ दृष्टि कन्या राशि से छठे भाव पर है जो छठे का स्वामी भी है। इसलिए वर्तमान मे तो भारत को कोई बहुत बड़ा खतरा नहीं है।परन्तु अगले साल 2017 सितम्बर के माह मे शुक्र -चन्द्र -शनि मे पाकिस्तान या चीन के कब्जे वाले हिस्से से भारत की सुरक्षा पर आंच आने की संभावना है। ग्रहों की स्थिति के अनुसार मार्च 2018 तक भारत हर प्रकार के आक्रमण मे विजय रहेगा। मोदी की शपथ की नवांश कुंडली के छठे व बारहवे भाव मे राहू-केतु, वक्री शनि व मंगल का दुष्प्रभाव है। जिससे विदेश से समर्थन मे कुछ मतभेद हो सकते है। 2018 मे देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा पर विशेष मंथन होगा| विरोधी दलों सत्ता पक्ष पर हावी होंगे| शपथ ग्रहण के समय मोदी जी कुंडली के छठे भाव मे चंदमा की स्थिति राहू केतु और वक्री शनि का प्रभाव सरकार के पूरे कार्यकाल की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। इस अवधि मे भारत मे दंगें-फसाद भी संभावित है।
वैसे ज्योतिषीय आंकलन के अनुसार भीषण युद्ध के आसार इस वर्ष 10 अक्टूबर से 18 नवम्बर 2016 के बीच भारत पाकिस्तान के साथ भीषण युद्ध हो सकता है । 20 सितम्बर से 3 अक्टूबर 2016 के मध्य आतंकवादियों के साथ हमारी सेना की मुठभेड जारी रहेगी । 20 सितम्बर से 3 अक्टूबर 2016 के मध्य भारत पाकिस्तान पर शनि के सूक्ष्म अंतर मे कर सकता है । 3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के मध्य भारत बडा हमला करेगा और सम्भव है पाकिस्तान को बडा भारी नुकसान हो । कुल मिलाकर देखा जाये तो 18 नवम्बर 2016 तक भारत निर्णायक भूमिका मे युद्ध का सामना करेगा। देश की प्रजा एकजुट होकर विश्व को अपनी ताकत का परिचय देगी। 14 अक्टूबर 2016 से 15 नवम्बर तक भारत अपनी ऐसी ताकत दिखा देगा जिसके कारण विश्व मध्यस्थता करने के लिए अग्रसर होगा। भारत पर आतंकवादी हमले कुछ अक्टूबर तक होते रहेंगे। खासकर 3 अक्तूबर तक का समय ऐसा है जब भारत पर कुछ छोटे -बड़े आतंकवादी हमले हो सकते है।
यदि यह भविष्यवाणी सही सिद्ध हुई तो उसके अनुसार 14 अक्टूबर से 15 नवम्बर के बीच भारत इस तरह से अपनी ताकत का परिचम लहराएगा कि तब दूसरे कई देशों को सामने आकर भारत को शांत करेंगे। इसका अर्थ यही है कि भारत 15 नवम्बर तक इस तरह की लड़ाई लड़ेगा कि इस्लामाबाद मे भी भारत का झन्डा लहराता हुआ, नजर आये। अगले वर्ष 26जनवरी -2017 को शनि धनु मे प्रवेश करेगा, और ग्रहो की यह गति पाकिस्तान की नवाज़ शरीफ सरकार और पाकिस्तान के लिए एक अत्यंत कठिन और संघर्षपूर्ण समय की शुरुआत होगी
हमारे देश भारत की जन्म कुंडली के अनुसार 15.08.1947 को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र मे था जिसके स्वामी शनि है। अगर भारत की कुंडली पर चर्चा करे तो भारत की कुंडली उसके स्वत्रंत्रता दिवस से बनाई जाती है।
कुंडली विवरण – तिथि १५ अगस्त १९४७,
समय रात्रि ००:००,
स्थान दिल्ली |
इससे वृषभ लग्न तथा कर्क राशि की कुंडली बनती है |
बहुआयामी प्रतिभा के धनी, विचारक, भविष्य दृष्टा, युगपुरुष और सहज, विनम्र इंसान पद्मभूषण पंडित सूर्यनारायण व्यास ने भारत की कुंडली बनायीं थी । 1947 जब ये सुनिश्चित हो गया था कि अंग्रेज भारत छोड़ने को तैयार है तो डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गोस्वामी गणेशदत्त महाराज के माध्यम से आपको बुलवाया। आपने पंचांग देखकर भारत की कुंडली बनाई और बताया कि आजादी के लिए मात्र दो दिन ही शुभ है 14 और 15 अगस्त। स्वतंत्रता के लिए मध्यरात्रि 12 बजे यानी तबके स्थिर लग्न का समय सुझाया । उनका मानना था कि इससे लोकतंत्र स्थिर रहेगा। इतना ही नहीं, पं. व्यास के कहने पर स्वतंत्रता के बाद देर रात संसद को धोया गया। बाद मे बताए मुहूर्त अनुसार गोस्वामी गिरधारीलाल ने संसद की शुद्धि भी करवाई। उसी समय आपने ये संकेत दे दिए थे कि 1990 के बाद ही देश की प्रगति होगी और 2020 तक भारत विश्व का सिरमौर बन जाएगा । यह सब सच होता दिख भी रहा है।
यदि शास्त्रानुसार वृषभ लग्न की प्रकृति पर चर्चा करे तो हम पाते है की वृषभ लग्न का स्वाभाव बड़ा ही शर्मिला, शांति प्रिय, तमाम प्रकार के कष्ट सहने वाला, समझोता करने वाला, दबाव झेल कर भी कुछ ना बोलने वाला, मेहनती व संघर्षरत, पड़ोसियों द्वारा प्रताड़ित, सहज ही मित्र बनाने वाला, किसी के भी विश्वास मे आ जाने वाला, भोले स्वाभाव वाला, शोषित व चुप रह कर समाज को ढोने वाला होता है, और यही सब गुण भारत की प्रक्रति व स्वाभाव को दर्शाते है। इसी प्रकार शास्त्रानुसार कर्क राशी की प्रकृति पर चर्चा करे तो हम पाते है की यह एक कुटिल व सफल राजनितिक, बात का धनि , चतुर स्वाभाव वाला होता है।
भारत को आजादी शनि की महादशा मे प्राप्त हुई थी। वर्तमान समय मे सूर्य की महादशा मे शनि की अंतर्दशा 25.06.2013 तक रहेगी। यह समय भारत तथा अन्य देशों के लिए उथल-पुथल का रहेगा। शनि की महादशा भारत के लिए शुभ फलदायी रही। शनि की महादशा मे 1947 से 1965 तक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध मे दोनों बार भारत को सफलता प्राप्त हुई। उस समय भारत के प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री थे। भारत देश की कुंडली का वृष लग्न है और योगकारक ग्रह शनि नवम्, दशम का स्वामी होकर तृतीय (पराक्रम भाव) मे विराजमान है। 1962 फरवरी मे चीन देश ने भारत पर आक्रमण किया तथा उसमे भारत की पराजय हुई। उस समय शनि की महादशा मे राहु की अंतर्दशा चल रही थी। भारत की कुंडली मे राहु लग्न तथा केतु सप्तम भाव मे कालसर्प दोष से ग्रसित होकर बैठे हुए हैं। युद्ध के समय गोचर की स्थिति के अनुसार 04.02.1962 तक मकर राशि मे आठ ग्रह राशि से सप्तम भाव मे बैठकर जन्म राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहे थे। मंगल का स्थान भारत की कुंडली मे दूसरे भाव मे है,और यह दूसरा भाव दिशाओं से भारत की उत्तरी-पश्चिमी दिशा को इंगित करता है। जिसके अन्दर काश्मीर आदि स्थान माने जाते है। मंगल का रूप हिंसक तभी माना जाता है जब यह अपने बद रूप मे हो,यह बुध के भावों मे बुध के साथ शनि के भावों मे और शनि के साथ तथा राहु केतु की युति मे और एक दूसरे के लिये सहयोगी युति के लिये अपना बद रूप लेकर उपस्थित होता है,बद मंगल के लिये लालकिताब का नियम बताता है कि यह भूत प्रेत और पिशाचात्मक शक्तियों से ग्रसित होता है।
भारत की कुंडली वृष लगन की है और मंगल का स्थान मिथुन राशि का है,यह बुध की राशि है और मंगल के लिये बद का रूप प्रस्तुत करती है। लेकिन इस मंगल का प्रभाव तकनीक के लिये भी माना जा सकता है,मिथुन राशि से बोलने चालने पहिनने और अपने को प्रदर्शित करने के लिये भी माना जाता है,जब मंगल की युति इस राशि से मिल जाती है तो यह बोलने चालने अपने को प्रदर्शित करने के लिये हिंसक रूप मे सामने आता है बोलने के अन्दर खरा स्वभाव और उत्तेजना को देने वाला माना जाता है,यह अपने रूप के अनुसार बद होने के कारण खूनी खेल और खून से सने हुये रूप मे प्रदर्शित करने की मान्यता रखता है। चेहरे को कुरूप बनाने के लिये लाल कपडा पहिनने के लिये और हरी भरी धरती पर खूनी रंग फ़ैलाने के लिये भी अपनी मान्यता रखता है। मिथुन राशि का स्वामी बुध है,बुध की कारक बकरी को भी हिंसक रूप से देखता है,जो बकरी जैसे रूप को हिंसक देखता हो उसे भेडिया की उपाधि भी देना सही माना जा सकता है,यह अपनी द्रिष्टि के अनुसार पहले चौथे सातवें और आठवें भाव पर प्रभाव डालता है,लेकिन अन्दरूनी रूप मे पंचम नवम भाव से भी अपना सम्बन्ध रखता है,इस मंगल के बारे मे एक उक्ति बहुत ही मशहूर है कि यह कभी बीच का नही होता है,-“या तो सरासर सांग होजा या तो सरासर मोम हो जा”,सांग एक पत्थर होता है जो केवल टूटने मे ही विश्वास रखता है,मोम तो सभी को पता होता है कि जब पिघलता है तो पानी की तरफ़ बहने लगता है,लेकिन मिथुन राशि मे होने के कारण इसे दोहरे रूप मे देखा जा सकता है,लेकिन दोहरे स्वभाव के प्रति आशा नही की जा सकती है,मिथुन राशि बुध की राशि है और कमन्यूकेशन के प्रति अपना स्वभाव रखती है,मंगल के साथ हो जाने से यह कमन्यूकेशन के अन्दर तकनीक के लिये भी अपनी मान्यता को रखता है,बनाये जाने वाले कपडे और साजो सामान की तकनीक भी यह मंगल मिथुन राशि को देता है।
→ भारत की कुंडली वृष लग्न और कर्क राशि की है ।
→ भारत की कुंडली मे शनि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ग्रह है ।
→ ये भारत को मजबूती और शक्ति दोनों देता है ।
→ परंतु भारत की कुंडली मे मंगल बार-बार समस्याएं पैदा करता है ।
→ ये युद्ध की स्थितियां बनाता है और अस्थिरता लाता है ।
→ स्थिर लग्न होने की वजह से भारत हर समस्या से बच जाता है ।
♦ यह है पाकिस्तान की कुंडली :
पाकिस्तान का निर्माण दिनांक 14-08-1947 समय सुबह 9:30 बजे कराची मे हुआ था जिसमे भाग्य स्थान से पूर्ण कालसर्प योग भी है। इस आधार पर पाकिस्तान की कुंडली कन्या लगन तथा मिथुन राशी की बनती है, लगन कुंडली के अनुसार नौवें घर मे बैठा हुआ राहु पाकिस्तान की मानवता विरोधी ताकत तथा हिंसात्मक रवैये को दर्शाता है। साढे़साती का प्रभाव शुरू हो गया है। वह परमाणु हमला कर सकता है। – भारत व पाकिस्तान के मध्य युद्ध होगा। भारत को अन्य देशों का समर्थन मिलेगा। उसके प्रभाव मे कमी नहीं आएगी। पाकिस्तान संपूर्ण विश्व की दृष्टि मे गिर जाएगा। – भारत की जनता मे असंतोष बढे़गा। आर्थिक रूप से भारत कमजोर होगा। – भारत मे और भी आतंकी हमले होंगे। दूसरी तरफ दसवें घर मे अष्टमेश मंगल का एकादशेश चंद्रमा के साथ युति पाक सरकार की शान्ति विरोधी नीति व भारत के प्रति प्रतिशोध तथा कानून व्यवस्था को प्रकट करता है, लग्नेश बुध का सूर्य और शुक्र के साथ एकादश भावः मे युति बनाना मानव विरोधी ताकत के प्रति शक्ति का प्रयोग तथा उसमे अन्य राष्ट्रों का सहयोग भी दर्शाता है। इसलिए ज्योतिष आधार पर कुंडली विवेचन से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि पाकिस्तान मानव विरोधी जिन ताकतों का भारत के साथ प्रयोग करता आ रहा है उसमे उसे पड़ोसी देशों से लाभ हो सकता है।
पाकिस्तान की कुंडली मे चौथे घर मे सूर्य, शनि, शुक्र, बुध व चंद्रमा 5 ग्रहो का जमावड़ा होने के कारण पाकिस्तान न खुद शांत रहेगा और न ही पड़ोसी को शांत रहने देगा। पाक कुंडली मे कुलीक नामक कालसर्प योग अधिक पीड़ादायक होने से उसे जीवन भर संघर्ष, धन की हानि होगी तथा वह भारत के लिए सिरदर्द बना रहेगा। चीन की कुंडली मे मकर लग्र तथा सप्तम स्थान मे नीच का मंगल होने के कारण अपनी षड्यंत्रकारी कुचालो से भारत को नुक्सान व आक्रमण की तैयारी मे लगा रहेगा तथा अंत मे निर्णायक जंग करके ही दम लेगा।
भारत और पाक की प्रचलित नाम राशि क्रमश: धनु और कन्या है। धनु-कन्या राशि के स्वामी क्रमश: देव गुरू-बृहस्पति और असुर-कुमार बुध हैं। वहीं बुध और बृहस्पति मे परस्पर शत्रुता बना रहता है। देवगुरू बृहस्पति क्षमावान, ज्ञानवान, अहिंसावादी और सात्विक ग्रह है, जबकि इसके विपरीत बुध बेहद चालक-अवसरवादी-बेईमान एवं समयानुसार बदलाव की प्रकृति के मालिक हैं |
→ पाकिस्तान का लग्न और राशि दोनों मिथुन है ।
→ ये दुविधा और अस्थिरता का संयोग है ।
→ इसके कारण पाकिस्तान मे विभाजन होते जा रहे है ।
→ मंगल भी मिथुन राशि मे बैठकर पाकिस्तान के लिए समस्या पैदा कर रहा है ।
→ पाकिस्तान की समस्या उसके देश के विभाजन और आंतरिक समस्या है।