♦ चूल्हा, स्टोव या गैस, रसोईघर मे इस प्रकार से रखा होना चाहिए कि जातक दरवाजे को देख सके. इससे मनुष्य तनावमुक्त होता है।
♦ रसोईघर मे माइक्रोवेव ओवन को दक्षिण- पश्चिम दिशा मे रखना चाहिए, जिसके फलस्वरूप रसोईघर स्वत: ही सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करता है।
♦ रेफ्रिजरेटर एक इलेक्ट्रिक मशीन है, जिसे ऐसे स्थान या मंडल मे रखना चाहिए जो जातक के लिए विशेष प्रेरक के रूप मे हो।
♦ दक्षिण दिशा मे रेफ्रिजरेटर रखने से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है, क्योंकि दक्षिण दिशा का तत्व ‘अग्नि’ है। जिसके फलस्वरूप दक्षिण दिशा, रेफ्रिजरेटर के ठंडे तापमान से मेल नहीं खाता।
♦ रसोई घर मे यदि वास्तुदोष हो तो पंचररत्न को तांबे के कलश मे डालकर उसे ईशान्य कोण यानी उत्तर-पूर्व के कोने मे स्थापित करे।
♦ निर्माण के समय ध्यान रखे की रसोई घर आग्नेय कोण मे हो अगर पूर्व मे ही रसोईघर किसी और दिशा मे बना हो तो उसमे लाल रंग कर उसका दोष दूर किया जा सकता है।
♦ रसोई घर के स्टेंड पर काला पत्थर न लगवाए।
♦ रसोई घर मे माखन खाते हुए कृष्ण भगवान का चित्र लगाएं। इससे आपका घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहेगा।
♦ खाना बनाते समय गृहिणी की पीठ रसोई के दरवाजे की तरफ न हो, यदि ऐसा हो तो गृहिणी के सामने दीवार पर एक आईना लगाकर दोष दूर किया जा सकता है।
♦ यदि रसोई का सिंक उत्तर या ईशान मे न हो और उसे बदलना भी संभव न हो तो लकड़ी या बांस का पांच रोड वाला विण्ड चिम सिंक के ऊपर लगाएं।
♦ चूल्हा मुख्य द्वार से नहीं दिखना चाहिए। यदि ऐसा हो और चूल्हे का स्थान बदलना संभव नहीं हो तो पर्दा लगा सकते है।
♦ यदि घर मे तुलसी का पौधा न हो तो अवश्य लगाएं। कई रोगों व दोषों का निवारण अपने आप हो जाएगा।