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जानिए लाल किताब अनुसार शुभ ग्रह होने पर क्या रखे सावधानी :

♦  सूर्य शुभ हो तो क्या न करे दान :
जिनकी कुण्डली मे सूर्य सिंह अथवा वृश्चिक राशि मे बैठा है। ऐसे व्यक्ति के लिए लाल किताब कहता है कि इन्हें सूर्य से संबंधित वस्तुएं जैसे गेहूं, गुड़, तांबे की वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। जो लोग इनका दान करते है उनका सूर्य मंदा हो जाता है और सूर्य से प्राप्त होने वाले शुभ फलो मे कमी आती है। इससे नौकरी मे अधिकारी से मतभेद होता है। सरकारी कार्यों मे बाधा आती है। पिता एवं पैतृक संपत्ति के सुख मे कमी आती है। जिनकी जन्मपत्री मे सूर्य 7वें अथवा 8वें घर मे बैठा है उन्हें सुबह एवं शाम के समय दान नहीं देना चाहिए। इससे धन की हानि होती है, आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
♦ चन्द्र शुभ हो तो दान मे सावधानी :
जिस व्यक्ति की कुण्डली मे चन्द्रमा दूसरे अथवा चौथे भाव मे बैठा होता है उसे माता से सुख मिलता है। सुख-सुविधाओ मे वृद्धि होती है तथा शारीरिक एवं मानसिक सुख-शांति की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति चन्द्र से संबंधित वस्तु जैसे मोती, दूध, चीनी, चावल का दान करता है। उनका चन्द्रमा मंदा हो जाता है, चन्द्र से संबंधित शुभ फलो मे कमी आती है। जिनकी जन्मपत्री मे चन्द्रमा छठे भाव मे होता है उन्हें धर्मार्थ हैंडपंप नहीं लगाना चाहिए।
♦ मंगल शुभ हो तो मिठाई न करे दान :
लाल किताब मे मंगल शुभ वाले व्यक्ति के लिए मिठाई का दान करना वर्जित बताया गया है। इन्हें मसूर की दान, बेसन के लड्डू एवं लाल वस्त्रों का दान नहीं करना चाहिए।
♦ बुध शुभ हो तो दान मे परहेज :
बुध को बुआ, मौसी, बहन, व्यवसाय एवं बुद्धि का कारक कहा जाता है। बुध मजबूत वाला व्यक्ति बुध से संबंधित वस्तु जैसे मूंग की दाल, कलम, हरा वस्त्र, घड़ा दान करता है तो बुद्धि भ्रमित होती है। बुध से संबंधित रिश्तेदारों को कष्ट होता है।
♦ गुरू शुभ हो तो नए वस्त्र दान न करे : 
लाल किताब के अनुसार जिन व्यक्तियो की कुण्डली मे गुरू सातवे घर मे बैठा है उस व्यक्ति को नए वस्त्रों का दान नही करना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करता है उसे खुद ही वस्त्रों की कमी हो जाती है। गुरू नवम भाव मे, सप्तम भाव मे, चौथे अथवा प्रथम भाव मे शुभ स्थिति मे बैठा हो तो गुरू से संबंधित वस्तु जैसे हल्दी, सोना, केसर एवं पीली वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
♦ शनि शुभ है तो भी बरतनी होगी सावधानी : 
शनि दोष से मुक्ति के लिए ज्योतिषशास्त्र मे तेल, तिल, लोहा काले वस्त्रों का दान करने के लिए कहा जाता है। इसके विपरीत लाल किताब मे कहा गया है कि कुण्डली मे अगर शनि तुला राशि, मकर या कुंभ मे हो तो व्यक्ति को इन वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। इससे शनि मंदा हो जाता है, यानी शनि के शुभ फलों मे कमी आ जाती है। व्यक्ति को लाभ के बदले नुकसान उठाना पड़ता है।
♦शुक्र शुभ हो तो श्रृंगार की वस्तुएं न करे दान :
शुक्र को भौतिक सुख-सुविधा प्रदान करने वाला ग्रह कहा जाता है। जिनकी कुण्डली मे शुक्र दूसरे अथवा सातवें घर मे हो, वृष अथवा तुला राशि मे बैठा उन्हें रेडिमेड वस्त्र का दान नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को श्रृंगार की वस्तुओं का भी दान नहीं करना चाहिए।
by Pandit Dayanand Shastri.
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