घर बनाना हो या बिल्डिंग, सबसे पहली जरूरत जमीन की होती है। जमीन खरीदने से पहले आपके दिमाग में कई तरह के सवाल आते होंगे कि पता नहीं यह जमीन फायदेमंद साबित होगी भी या नहीं?
इस उलझन से निपटने के लिए कई लोग तो वास्तु विशेषज्ञ की राय ले लेते है, लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति भी होती है कि हमे जल्दबाजी में ही जमीन खरीदनी पड़ती है और हमारे पास वास्तुविद् के पास जाने का समय नहीं होता।
इस स्थिति में आप वास्तु के पुराने तरीकों की मदद से खुद यह पता लगा सकते हैं कि वह जगह आपके लिए लाभकारी रहेगी या नहीं? इसके लिए आपको रखना है कुछ बातों का ध्यान, जैसे – जिस जमीन को आप खरीद रहे हैं, वह दक्षिण-पश्चिम कोने की तरफ से ऊंची होनी चाहिए और उत्तर-पूर्व की तरफ से नीची। इसी तरह दक्षिण-पूर्व कोना दक्षिण-पश्चिम से नीचा हो, लेकिन यह उत्तर-पूर्व से ऊंचाई पर हो। इस बात का ध्यान रखे कि इस जमीन पर मकान बन जाने पर सूरज की किरणे घर मे सीधे प्रवेश करे और रोज सुबह आपको उगते हुए सूरज के दर्शन हो सके।
जमीन को टेस्ट करने के लिए आप एक और प्रयोग भी कर सकते है। जमीन में 2 फीट गहरा और चौड़ा गड्ढा खोदे। अब उसे उसी मिट्टी से भरे, जो गड्ढा खोदते वक्त आपने बाहर निकाली थी। अगर वह मिट्टी गड्ढा भर जाने के बाद भी बच जाती है, तो समजिये कि वह जगह आपके लिए लाभ के बहुत अवसर लेकर आएगी। अगर गड्ढा भर जाने के बाद मिट्टी न बचे, तो इसका मतलब यह होगा, नो प्रॉफिट नो लोस। अगर गड्ढा न भरे और मिट्टी कम पड़ जाए, तो इसका मतलब यह है कि उस जगह पर आपको हानि होगी। जमीन के शुभ-अशुभ होने की जांच पानी से भी की जा सकती है। 2 फीट गहरे और चौड़े गड्ढे को पानी से भरे। पानी भरने के बाद किसी दिशा में 400 कदम चलकर फिर वापस वहीं आएं। अगर आपके वापस आने तक पानी उतना ही है, तो वह जमीन आपके लिए बेस्ट है। अगर पानी थोड़ा-सा ही कम हुआ है तो गुड, लेकिन अगर पानी पूरी तरह खत्म हो चुका है, तो वह आपके लिए नुकसानदायक होगी। कई दूसरी तरह की तकनीक अपनाकर भी आप अपनी साइट की जांच कर सकते है, मसलन जमीन को जोतकर देखे। अगर वहां हड्डी या बाल मिलते हैं, तो वह जगह आपके लिए हानि देने वाली होगी। अगर दीमक या कीडे़-मकोड़ों की मात्रा भी ज्यादा है, तो वह जमीन भी नुकसान के सिवाय आपको कुछ और नहीं दे सकती।
by Pandit Dayanand Shastri.