दीपावाली की तैयारी यूं तो दशहरे के दिन से ही शुरू जाती है। लोग अपने घर को खूब सजाना चाहते है , ताकि लक्ष्मी माता प्रसन्न होकर उनके घर मे प्रवेश करे। लेकिन कई बार घर को ज्यादा सुंदर बनाने के चक्कर मे ऐसी गलतियां कर बैठते है कि वास्तु के विपरीत स्थितियां बन जाती है इसलिए घर को सजाते समय वास्तु का ध्यान भी जरूर रखे। वास्तुशास्त्र या वास्तुवेद, ऐसी परंपरागत प्रणाली है, जो वस्तुओ की दिशात्मक नियुक्ति के सिद्धांत पर निर्भर करती है। कुछ लोग दीपावली के दिन अपनी किस्मत आजमाते है, तो कुछ उसे संवारने का यथा संभव प्रयास करते है।
किसी भी व्यापार की समृद्धि मे ‘ धनात्मक ऊर्जा ‘ का बहुत महत्व होता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है ‘ धनात्मक ऊर्जा ‘ धन से भी सम्बन्ध रखती है। चाहे घर की खुशहाली हो अथवा व्यापार की समृद्धि, दोनों ही बिना धन के अधूरे रहते हैं। दीपावली एवं उससे सम्बन्धित सभी त्यौहार धन वृद्धि के ही उद्देश्य की पूर्ति करते है।
आप यह तो जानते ही होगे कि किस्मत लक्ष्मी के नाम से मशहूर है। दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप अपने घर व ऑफिस दोनों ही स्थान पर वास्तु के अनुसार पूजन कर सकते है। वास्तु से आपके घर मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। और यह भी जानी-मानी बात है कि माता लक्ष्मी उसी के घर पर आती है जिसका घर उन्हे साफ-सुथरा मिलता है। वास्तु के हिसाब से काली चौदस यानी की दिवाली के दूसरे दिन भी घर को साफ करना चाहिये। हम सभी जानते है कि वास्तु मे मुख्य द्वार की विशेष भूमिका है। इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए मुख्य द्वार की साफ-सफाई से लेकर दरवाजे को सजाने का विशेष ध्यान रखा जाता है। वास्तु मे स्थान की सफ़ाई एवं स्वच्छता को विशेष महत्व दिया गया है। कबाड़ मे रखी वस्तुओं से नकारात्मक उर्जा का संचार होता है। घर की सुंदरता और सजावट देखकर अगर लक्ष्मी माता आपके घर आ भी जाएंगी तो कबाड़ से निकलने वाली नकारात्मक उर्जा के प्रभाव के कारण वापस लौट जाएंगी।
उनके अनुसार दूसरी बात यह याद रखे कि घर को महल की तरह सजा ले और घर के चारो तरफ और छत पर गंदगी को कूड़ा जमा हो तब मां लक्ष्मी आपके घर की ओर देखेंगी भी नही। यह उसी प्रकार गलत प्रभाव डालता है जैसे बाहर से गंदी गिलास मे आप किसी को शरबत दे। व्यक्ति गिलास को देखकर ही शरबत पीने से इंकार कर देगा। यदि आपके घर के आगे या उत्तर दिशा की ओर गड्ढ़ा है तो उसे भरवाकर समतल करवा दे । इससे वास्तु दोष दूर होगा और अनुकूल स्थितियां बनेंगी। जिन लोगों के घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर है उन्हें मुख्य द्वार पर पिरामिड या लक्ष्मी गणेश की तस्वीर लगानी चाहिए। आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर है तो उत्तर पू्र्व दिशा को विशेष रूप से सजाएं।
♦ घर दरवाजे और खिड़कियो पर सरसो तेल लगाकर उन पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और शुभ लाभ लिखें। दरवाजे मे तेल लगाने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि दरवाजा खुलते और बंद होते समय आवाज नहीं आए।
♦ दीपावली के मौके पर बहुत से लोग टीवी और फ्रीज की खरीदारी करते है। टीवी और फ्रीज को उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके लगाएं। ड्राइंग रूम मे भारी समानों को दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार से सटाकर रखे।
♦ वास्तु के अनुसार दरवाजे पर तोरण लगाने से घर मे नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती वहीं चांदी का स्वस्तिक लगाने से सभी का ध्यान रखना चाहिए। दिवाली से पहले घर के दरवाजे पर सुंदर और कलरफुल तोरण बांधना चाहिए। कोशिश करें कि तोरण आम की पत्ती, पीपल, अशोक के पेड़ कनेर के पत्तों का होना चाहिए। कहा जाता है इन चीजों के तोरण बनाने से घर मे नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती।
♦ आइए जाने दिवाली पर वास्तु अनुसार क्या चीजे रखे जिससे मां लक्ष्मी आपके घर जरूर आएं।
♦ घर के दरवाजे पर मां लक्ष्मी के पैर का चिन्ह जरूर लगाने चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखे कि पैर की दिशा अंदर की तरफ होनी चाहिए। घर के दरवाजे पर चांदी का स्वस्तिक लगाना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार इससे घर मे बीमारी नहीं आती।
♦ पानी मे नमक मिलाइये और इसे पूरे घर के कोने-कोने मे छिड़किये। वास्तु के हिसाब से नमक घर की बुरी ऊर्जा को सोख लेता है।
♦ घर मे उत्तर दिशा को कुबेर स्थान बोला जाता है। सुनिश्चित करे कि माता लक्ष्मी की मूर्ति यही पर रखी जाए और गणेश जी की मूर्ति उनके दाहिने साइड मे हो। इसके अलावा मूर्तियों को लाल रंग के कपडे़ मे सजाइये।
♦ कहा जाता है कि बहता हुआ पानी घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ बहा ले जाता है। तो ऐसे मे आपभी अपने घर मे कोई छोटा सा झरना लगाइये और यह झरना घर के नार्थ-ईस्ट दिशा मे लगा होना चाहिये।
♦ दिवाली से पहले घर मे अष्ठमंगला का चिन्ह जरूर लगाएं। अष्ठमंगला के ऊपर दरअसल कमल रखा जाता है और कमल पर मां लक्ष्मी विराजती है।
♦ अगर घर के दरवाजे पर रंगोली स्वास्तिक या फिर ओम का चिन्ह बना रहे है तो इस बात का ध्यान रखे कि इन्हे घर के पूर्व और उत्तर मे ही बनाएं।
♦ घर के दरवाजे पर एक ट्रे मे पानी और फूल भरकर पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ रखने से घर के मालिक को काफी फायदा होता है।
♦ इसके अलावा निम्न बातो का भी रखे ध्यान :
♦ फेंकने योग्य सामान: ऐसी किताबो, अखबारो, खिलौनो व बर्तनो को दान कर दे, जो आपकी जरूरत के नहीं है। ऐसा करके आप पुण्य के भागी तो बनेंगे ही, नकारात्मक ऊर्जा से भी बच सकेंगे। अगर आप घर रंगवा सकते है, तो यह और भी अच्छा है।
♦ रंगोली: देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाये, इसके लिए आप चावल, बालू या रंगीन पाउडर का प्रयोग कर सकते है।
♦ सौंदर्यीकरण: मुख्य द्वार को फूलो या पत्तियों से सजाये, दरवाजो पर रंगीन पर्दे लगाये और लक्ष्मी का स्वागत करे।
♦ दीये : घर की चाहरदीवारी पर चार दीयों को एक साथ रखे क्योकि चार दीयों का अर्थ है लक्ष्मी, गणेश, कुबेर और इंद्र।
♦ पूजा: देश के उत्तरी भाग मे दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा जरूरी मानी जाती है। पूजा के लिए घर मे अच्छी खुशबू वाली अगरबत्ती जलायें और भगवान गणेश और लक्ष्मी का पूजन करे।
♦ दीपावली के उपहार: मिठाइयां बाटें, लेकिन पटाखे ना बांटे। उपहार मे चाकू या चमड़े के सामान ना दे। काले कपड़े ना भेंट करे।
इस दीपावली पर आप सभी को ढेरो शुभकामनाएँ। आपके जीवन मे भी स्वर्ण के साथ-साथ खुशियों और समृद्धि की बरसात होती रहे। ईश्वर से मेरी यही शुभ मंगल कामना है।