वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार आजकल अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के लिए अत्यधिक चिंतित रहते है। अधिक अंक लाने के लिए बच्चों मे शिक्षा के प्रति एकाग्रता का होना आवश्यक होता है। अगर आप भी चाहते है कि आपके बच्चे परीक्षा मे अव्वल नंबरों से पास हो तो…..
नीचे लिखे वास्तु टिप्स का उपयोग करे:
1- बच्चों का अध्ययन कक्ष हंमेशा पश्चिम या दक्षिण दिशा मे बनाना चाहिए, क्योंकि इससे स्थायित्व रहता है।
2- बच्चों के अध्ययन कक्ष मे अध्ययन करने की मेज कभी भी कोने मे नहीं होनी चाहिए। अध्ययन के लिए मेज कक्ष के मध्य (दीवार के मध्य) मे होनी चाहिए। दीवार से कुछ दुरी पर होनी चाहिए।
3- पढ़ाइ करते समय बच्चे का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा मे रहना चाहिए। इससे अध्ययन मे एकाग्रता बनी रहती है।
4- पुस्तको को हमेशा दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दीवार के साथ आलमारी मे रखनी चाहिए। पूर्व, पूर्व-उत्तर या उत्तर दिशा मे पुस्तके नही रखनी चाहिए।
5- पुस्तको को कभी भी खुला तथा इधर-उधर नही रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
6- अध्ययन के लिए मेज पर भी अधिक अनावश्यक पुस्तके नही होनी चाहिए। जिस विषय का अध्ययन करना हो, उससे संबंधित पुस्तक को निकालकर पढ़े और बाद मे उसे यथास्थान रख दे।
7- भारतीय परंपरा के अनुसार पढ़ाई की मेज के सामने मां सरस्वती और गणेशजी की तस्वीर होनी चाहिए।
8- फेंगशुई के अनुसार मेज पर अमेथिस्ट या क्रिस्टल का एज्युकेशन टॉवर रखे, जिससे ऊपर उठने की प्रेरणा मिलती रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।
by Pandit Dayanand Shastri.