Description
काल भैरव जयंती प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनायी जाती है। अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए लोग इस दिन भगवान शिव के पांचवें रुद्रावतार काल भैरव की पूजा अर्चना करते है।भैरव जयंती पर अष्ट महाभैरव की यात्रा तथा दर्शन पूजन से मनोवांछित फल की प्राप्ति तथा भय से मुक्ति मिलती है। भैरव तंत्र का कथन है कि जो भय से मुक्ति दिलाए। भैरव जयंती पर भगवन भैरव की पूजा का विशेष महत्व है। उनकी की कृपा प्राप्ति से संकटो से रक्षा मिलती है एवं संकटो का नाश होता है।