किसी जातक की कुंडली मे राहु की खराब स्थिति होने पर कई तरह की शंकाओ को भी मन मे जगह देती है। घर मे लगातार झगड़े होते रहते हो और घर के किसी सदस्य को शराब पीकर झगड़ने की आदत पड़ गयी हो तो समझना चाहिए कि राहु ग्रह अशुभ फल दे रहा है। इस तरह की परेशानियां तब अधिक देखी जाती है जब ऐसा राहु चौथे घर मे हो। और राहु की महादशा चल रही हो। राहु अचानक से चौंकाने वाली खबर लाता है।
राहु-केतु ग्रह अचानक से परिवर्तन करते है। राहु अपनी शुभ अवस्था मे अचानक से लाभ करवाता है। वही राहु या केतु के अशुभ स्थिति मे होने पर अचानक से कोई बुरी घटना की खबर लग सकती है।
♦ राहु-केतु बनाते है ग्रहण योग:
जब सूर्य या चंद्र, राहु या केतु के साथ एक ही राशि मे आ जाते है तो ग्रहण योग बन जाता है ।
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जानिए कैसा होता है राहु और केतु का कुंडली के विभिन्न भावो मे स्वभाव और उसका उपाय :
राहु और केतु राक्षस ग्रह होने के कारण तामसिक ग्रह है। राक्षस ग्रह होने के कारण ही ये स्वभाव से चालाक, धूर्त और आलस देने वाले ग्रह है।
किसी भी जातक की जन्मपत्रिका के प्रथम भाव मे बैठने पर राहु या केतु व्यक्ति को आलसी बनाता है। ऐसा व्यक्ति चतुर होता है। लेकिन अपने कामो मे आलसी होता है। दूसरो को शक की निगाह से देखना इनकी आदत होती है।
♦कुंडली के पहले घर(भाव) मे राहु के स्थित होने पर व्यक्ति स्वयं के कार्य रुक रुककर करेगा। ऐसा ये जानबूझकर नहीं करते है बल्कि कार्य करने की गति ही धीमी होती है।
♦दूसरे भाव(घर) का राहु होने पर पुश्तैनी जमीन-जायदाद मे परेशानी खड़ी करता है।
♦तीसरे घर का राहु बहुत शुभ होता है। व्यक्ति अपने कार्याे मे जबरदस्त साहस दिखाता है।
♦चौथे घर का राहु बहुत ही अधिक कष्टदायक होता है। घर से संबंधित मामलो मे रुकावटे खड़ी करता है। अपनी महादशा मे घर मे भयंकर झगड़े करवा सकता है। ऐसे राहु के कुप्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार को बहते पानी मे एक नारियल बहाना चाहिए। साथ ही शनिवार के दिन घर मे गुग्गुल की धूप देना चाहिए।
♦पांचवे स्थान का राहु पितृदोष बनाता है। संतान के जन्म होने मे परेशानी खड़ी करता है। अधिक आयु मे संतान का जन्म होता है। भगवान शिव का पूजन करने से इस दोष से मुक्ति मिलती है।
♦ छठे घर का राहु होने से व्यक्ति के शत्रु अपने आप ही रास्ता बदल लेते है।
♦ सातवे घर का राहु वैवाहिक जीवन में काफी उतार-चढ़ाव लाता है।
♦आठवे घर का राहु अच्छा नहीं माना गया है। ज्योतिष मे आठवे घर के राहु के लिए कहा गया है कि किसी बीमारी या एक्सीडेंट की वजह से शरीर को कष्ट मिलता है। ऐसे राहु के कष्ट से बचने के लिए अष्टधातु का कड़ा अपने हाथ मे पहनना चाहिए। साथ ही एक नारियल हर शनिवार नदी मे बहाना चाहिए। हर शनिवार को शिव मंदिर मे दीपक जलाएं। ऊँ जूं सः मंत्र का जप 108 बार करे।
♦नौवा घर का राहु भाग्योदय मे दिक्कते खड़ी करता है।
♦ दसवां घर का राहु राजनीति और खेल जीवन मे जबरदस्त सफलता देता है।
♦ग्यारहवां घर का राहु होने पर व्यक्ति की आय के कई साधन हो सकते है। ऐसा व्यक्ति पैसा जल्दी कमाने की तकनीक लगाते है।
♦बारहवां घर का राहु के लिए शास्त्रो मे कहा गया है कि यह व्यक्ति को खर्चीली जीवनशैली प्रदान करता है। अपने पैसो को लाटरी, जुआ, सट्टा जैसे कार्य मे लगाता है। जिससे पैसे का दुरुपयोग होता है।
इस दोष से बचने के लिए हनुमान जी के मंदिर मे हर मंगलवार और शनिवार को चमेली के तेल का दीपक जलाएं। जितनी श्रद्धा व शक्ति हो उस तरीके से मंदिर मे पूजन करे।
by Pandit Dayananad Shastri.