हिंदू धर्म में जीवन के विभिन्न मोड़ पर अलग-अलग रीति रिवाजों का पालन किया जाता है. पर्व के अलावा सामान्य जीवन में भी ये परंपराएं व रीतियां मानी जाती हैं.आदर्श हिंदू जीवन शैली में प्रतिदिन पूजा पाठ करना अनिवार्य है, यही कारण है कि प्रत्येक हिंदू के घर में पूजा घर होता है. एक बात आपने देखी होगी कि पूजा घर में आमतौर पर लोग किन्हीं मृतकों की तस्वीरें भी लगा दिया करते हैं. ये मृतक परिजनों के अलावा अन्य भी हो सकते हैं.
लेकिन वास्तु के अनुसार यह ठीक नहीं है. वास्तु को मानने वाले यह बात जानते हैं कि पूजा घर में पुरखों की तस्वीरें लगाना निषेध है. यदि पूजा घर में मृत व्यक्ति की तस्वीर रखी जा रही है तो इसका अर्थ ये हुआ कि आप अनजाने में ही परेशानियों को आहूत कर रहे हैं. तमिल विचारधारा के अनुसार मृतक देवदूत बनकर स्वर्ग में गति पाते हैं.
इस लिहाज से वे मृतकों को भगवान का दर्जा दे देते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा शरीर को त्यागकर दूसरे शरीर का वरण कर लेती है. हिंदू धर्म में शरीर नश्वर है इसलिए उसका दाह संस्कार किया जाता है जबकि आत्मा पूजनीय है. इधर, वास्तु-शास्त्र कहता है कि देवों की तस्वीरों को उत्तर अथवा उत्तर पूर्व की दिशा में रखना चाहिए. पूजा घर की दिशा सदा उत्तर पूर्व होना चाहिए.
मृत पूर्वजों की तस्वीरों को दक्षिण पश्चिम या दक्षिण, पश्चिम में लगाना चाहिए. यदि उक्त क्रम का पालन नहीं किया गया तो परिवार में क्लेश, मानसिक कष्ट, संकट और दुविधा की आशंका बनी रहती है.
by PT dayanand shastri